हममे से बहुत से ऐसे भारतीय हैं जो नये वस्त्रों का दान करने की सामर्थ्य नहीं रखते हैं मगर पुराने कपड़ो को बेच कर उसके बदले में वस्तु लेने के लालच से बच सकते हैं, हम गरीब देश के वाशिंदे हैं और आज भी हर राज्य के पिछड़े और वनवासी इलाको में वस्तुओ का घोर अभाव है, हम सामर्थ्य के अंदर कुछ अच्छा कर सकते हैं जिसे पाकर किसी अभावग्रस्त के चेहरे पर मुस्कान आ सकती है।